बुधवार, 7 सितंबर 2011

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
हिम्मत करनेवालों की कभी हार नहीं होती
नन्हीं चीटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस बाँटता है
चढ़कर गिरना, फिर उठकर चढ़ना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है ,स्वीकार करो
क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो नींद चैन की त्यागो तुम
कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती.

एक है

वन के पक्षी हैं अनेकों पर ठिकाना एक है
सबकी भाषाएँ अलग है पर तराना एक है
दिल में यदि प्यार है तो सारा जमाना एक है
हम शिकारी भिन्न हैं लेकिन निशाना एक है
पर्वत को भी तुम धूल बना सकते हो
उंगली पर हिमालय को उठा सकते हो
विश्वास रख अगर एक हो जाओ
आकाश को धरती पर झुका सकते हो
तुम हंसते हुए आग पर चल सकते हो
तुम चाँद से आगे भी निकल सकते हो
यदि ठीक तरह शक्ति का उपयोग करो
तुम समय की धारा बदल सकते हो
भला बुरा न कोई रूप से कहलाता है
की दृष्टिभेद स्वयं दोष- गुण दिखता है
कोई कमल की कली देखता है कीचड में
किसी को चाँद में भी दाग नजर आता है.