गांधी बनना आसान नहीं
"गांधी बनना आसान नहीं ".
पहले गांधी से प्रेम हुआ
अनसन साधन का खेल हुआ .
जब मिला ज्ञान- यह नहीं खेल
अनसन- सत्ता का नहीं मेल.
तब भाव ह्रदय के छलक उठे
कुछ पा जाने को ललक उठे
जिसके विरुद्ध से लगते थे
जिस पर अपशब्द निकलते थे
उसको ही तो बस पाना था
उस घर में ही बस जाना था
जनता करती थी बस पुकार
कर दो, कर दो कुछ चमत्कार
भ्रष्टाचारी से मिले मुक्ति
अब करो तुम्ही कुछ प्रखर युक्ति
सपना तो सुन्दर दिखलाया
कुछ पाल जाल से भरमाया
अनशन से प्राण अशक्त हुआ
शीतल जब कुछ-कुछ रक्त हुआ
तब, कहा ह्रदय ने नहीं-नहीं
गांधी का मार्ग वरेण्य नहीं
जिस पथ से मिलता सिंघासन
वह पथ कुछ और, नहीं अनशन
फिर तो अनशन व्रत टूट गया
वह " मार " इन्हें भी लूट गया
गांधी बनना आसान नहीं
यह धैर्यहीन का काम नहीं
जिसमें जज्बे की आंधी है
समझो उसमें ही गांधी है.
---अरविन्द पाण्डेय