बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

ये कम तो नहीं

मिल गई अंग्रेजों से आजादी, ये कम तो नहीं,
पहचान गए उन जयचंदों, दुर्योधनों को ,ये कम तो नहीं,
पत्‍नी अनुरूप नहीं मिली ,
प्रेमिका ने सँवारा जीवन ,ये कम तो नहीं,
भ्रष्टाचारियों और कुकर्मियों के इस युग में,
बची है कुछ प्रतिशत ईमानदारी, ये कम तो नहीं,
खींच दिया है संस्कृति के एक बड़े वृत की लकीर को,
पश्‍चिमी संस्कृति के छोटे वृत के उपर, ये कम तो नहीं,
हमने स्वयं को ही स्वाबलंबी बनाया ,ये कम तो नहीं,
कोई दे या ना दे मुझको,
मैंने केवल देना सीखा है, ये कम तो नहीं,
संतुष्ट हूँ अपने कार्यशैली से,
है आशा मंजिल पाने की ,ये कम तो नहीं,
किसने देखा है ,जाना है अपनी मौत को,
मौत के डर से जिंदे में ही कुछ ने ,
बुत बना लिया अपना, ये कम तो नहीं,
सारी रामायण पढ़ लिए और ,
सीता किसकी जोरू जान लिया, ये कम तो नहीं,
बाधाओं और हर मुश्किलों को पारकर ,
जिंदा हूँ अब तक ,ये कम तो नहीं,
दे रहा उन्हें चुनौती जिसकी न की थी कल्पना, ये कम तो नहीं,
होंगे कभी सच अपने सपने भी विश्‍वास है मुझे, ये कम तो नहीं,
दोस्तों ने की दगा, दुश्मनों ने दिया साथ ,ये कम तो नहीं,
मिले हैं कुछ लोग, बाँकी की तलाश है जारी, ये कम तो नहीं,
कद मेरा भले ना हो ऊँचा,
झूठे कद को कम कर दिया, ये कम तो नहीं,
दोस्त बेशक ना बनाया हमने,
दुश्मनों से दुश्मनी कम कर दी, ये कम तो नहीं ।

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